छोड देना, त्यागना, तजना, छोडना, अलग कर देना, हाथ उठा लेना
2.
बेहतरीन दौलत मन्दी (सर्वोत्तम समृद्घि) आर्ज़ुओं (आकांक्षाओं) से हाथ उठा लेना है।
3.
वाज़ेह रहे कि अफ़व व दर गु़ज़र का माहौल वहीं होता है जहाँ इंतेक़ाम पर क़ुदरत हो, जहाँ क़ुदरत ही न हो वहाँ इंतेक़ाम से हाथ उठा लेना मजबूरी का नतीजा होता है जिस पर कोई फ़ज़ीलत मुरत्तब नही होती।
4.
(((यह इरशाद उन लोगों के मुताल्लुक़ है के जो अपने को ग़ैर जानिबदार ज़ाहिर करते थे जैसे अब्दुल्लाह बिन उमर, साद इब्ने अबी वक़ास, अबू मूसा अशअरी, अहनफ़ इब्ने क़ैस, और अन्स इब्ने मालिक वग़ैरह, बेशक इन लोगों ने खुल कर बातिल की हिमायत नहीं की, मगर हक़ की नुसरत से हाथ उठा लेना भी एक तरह से बातिल को तक़वीयत पहुंचाना है इसलिये इनका ‘ ाुमार मुख़ालेफ़ीने हक़ के गिरोह ही में होगा।